Monday, December 13, 2010

इंसान

वो निर्झर सा निर्मल है , वो वर्षा सा शीतल है , वो अग्नि सा पवित्र है ,वो प्रेरणा का स्त्रोत है
वो भारत की शान है , भारतवासी की आवाज़ है , वो हमारा गर्व है, वही गर्व का आधार है
इस विश्व में शान्ति का वही सूत्रधार है ,देश की उन्नति का बन सकता रचनाकार है
हां वही हे ये जिसमे सरस्वती विद्यमान है , हाँ वही है ये जिसे अपनी मिटटी से प्यार है
वही है आज जो धरती को स्वर्ग बना सकता है और अगर कर जाए यह तो सम्मान का हकदार है
हाँ ये हे सामान्य जन विशिष्टता का कर्णधार है , हाँ यही हे वो जो हममे छुपा हुआ इंसान है

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