Saturday, August 27, 2011

प्रतिबिम्ब




सन्ध्याकाल
नीले से काला हुआ आकाश
ना तारे, ना चाँद का उजाला
बादलों ने किया है
नभ पर अधिकार
पानी की बौछार में
भीगता हुआ मेरे घर का आँगन
गहराया प्राकृतिक अन्धकार
ईधर चंद बूंदों का आगमन
और कृत्रिम बिजली भी बंद
मैं , मेरी किताब , लालटेन
और दाहिने हाथ की ओर
घर की दीवार पर लटकता आईना
चारों ओर तिमिर करता हुआ राज
और आईने में दिखाई दिया
प्रतिबिम्ब केवल
मेरा
मैं चौंकी और घबराई
मुझ जैसी कोई मेरे ही घर में
बैठी है कौन दीवार से सटकर
मैं बैठी थी बन 
प्रकाश मार्ग में अवरोधक  
फलस्वरूप
मेरे मन में छुपा काला डर
कुछ और बढ गया
और मुझे डरा गया
मेरा ही प्रतिबिम्ब
 - अंकिता
२६ अगस्त, २०११

Wednesday, August 10, 2011

miscellaneous

अभी चंद मिनट पहले , हमने साथ में चाय पी थी 
कप से उठते धुंए की तरह  , तुम जाने कहा गुम हो गए 
बाहर कहीं से बम धमाके की आवाज़ आई है !!

कूड़े कचरे की चुभन से , नदी के ज़ख्म गहरे हो गए 
अपनी दशा पर रोते रोते ,  समुंदर में मिलकर कुछ शांत हुई 
अब समझ आया की समुन्दर का पानी , इतना खारा क्यों है !!

 तेरे क़दमों के निशाँ को मैं ,तुझसे मिलने का रास्ता समझ चलती रही 
पर सारे निशाँ वृत्त की परिधि पर थे 
मेरा दायरा सीमित करके , तुम जाने कहा बस गए !!

                                                  - अंकिता 
                                                     १६ जुलाई , २०११

दोस्ती



नदी का किनारा
और  एक  बीज  आवारा सा
सुस्ता रहा था पत्थरों पर बैठकर
कुछ उदास था शायद अपने अकलेपन के साथ 
तभी वो मिट्टी कि गोद में पहुंचा 
लहर के साथ 

बहकर
हवा पानी और धूप ने मिलकर 
थाम लिया था उसका हाथ
और आज इस पेड़ को देखकर लगता है 
दोस्ती कि शुरुआत ऐसे ही हुई होगी 
फिर हुई होगी जिन्दगी कि शुरुआत
साँसों में बाकी रहेगी जिन्दगी 
ज़िन्दा है जब तक दोस्ती !!

-अंकिता पाठक
७ अगस्त २०११ 

Thursday, August 4, 2011

एलबम


आज मैंने पलटा एलबम
वो संजोये हुए है मेरी यादों को
कुछ नई हैं , कुछ ज़रा पुरानी हो गई हैं
छूते ही हर याद मानो कर रही है अपनी उम्र बयां
इन पन्नो पर इनका छपना कुछ वैसा ही है
जैसे खूबसूरत पलों को कैद करने की चाहत उभरती है आँखों में

आजकल तो यादें कम्प्यूटर की स्क्रीन पर चला करती हैं
कल गलती से मेरी कुछ यादें डिलीट हो गई
जैसे परिन्दें उड़ जाते हैं मौका पाकर !!

- अंकिता पाठक
४ अगस्त , २०११