Wednesday, October 31, 2012

तस्वीरें


दिल्ली में तानाशाहों की मुस्काती
बच्चो को, बूढों  को सताती
मिलने को तड़पते हीर और रांझे की
मलहम से गहरे घावों को छुपाती
आज़ादी के रंगों की सारी तस्वीरें |

जंग के मैदां से सूनी मांगों की 
बुझने से पहले दीपक की लौ की
भूखे बच्चों की रोती-बिलखती
गरीबों के मुंह  से निवाला छिनती
आज़ादी के रंगों की सारी तस्वीरें |

मूंदी आँखों से रस्म निभाती 
सीता के दर्द पे मंद मंद मुस्काती
किसानों से खूं से सिंची फसलों की
तूफां में उड़ते घर के छज्जों की 
आज़ादी के रंगों की सारी तस्वीरें |

गुलामी के दलदल में घुटती साँसों की 
दूजे के ज़ख्मों की खुशियाँ मनाती
खुद की परछाई से घबराती
मिट्टी के सीने पे लकीरें बनाती 
आज़ादी के रंगों की सारी तस्वीरें |

आज़ादी के भरम की तस्वीरें 
गाती, रोती, रुलाती तस्वीरें 
कुछ कहती, कुछ छुपाती तस्वीरें 

तस्वीरें, अपने जहाँ की तस्वीरें 
आज़ादी के लिफाफे में लिपटी ज़ंजीरें |

अंकिता
३० अक्टूबर २०१२