Tuesday, October 25, 2011

कड़ियाँ




तेज़ी से तरक्की करती तकनीक 
दावा करती तुम्हें और मुझे जोड़ने का 
वादा करती हमारे बीच की कड़ी बनने का 
लेकिन जब ये तकनीक ना थी 
तब भी तुम थे, मैं थी 
और हमारे बीच कोई कड़ी ना थी 
तुम्हें और मुझे जरुरत भी ना थी 
क्योकि कड़ियों से जुड़ने के लिए 
हमारे बीच फासले होना ज़रूरी हैं 
लेकिन अब हर दिन जुडती नई कड़ी 
हमारे बीच अपनी जगह बना रही है 
दिलों के बीच नजदीकियां  घटा रही हैं 

और जहाँ कड़ियाँ होती हैं 
वहां हमेशा मौजूद होता है , उनके टूटने का डर भी !!

अंकिता
२५ अक्टूबर २०११

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