Saturday, January 15, 2011

संभावना




पत्थर में छुपी है हीरे की
कीचड़ में दबी है कमल की
विमर्श में सहमती की
हर शब्द में अर्थ की
छुपी होती है संभावना

संग्राम में संहार की
संहार में विनाश की
संधि में शांति की
भूत में भविष्य की
छुपी होती है संभावना

कहानी में कल्पना की
कल्पना में नवीनता की
सपने में हकीकत की
अंत में नई शुरुआत की
छुपी होती है संभावना

सीप में मोती की
पतंगे के मकड़जाल में फंसने की
सुष्म में विशाल की
हर प्रयास में बेहतरी की
छुपी होती है संभावना

प्रतिशोध में क्षमा की
क्षमा में मैत्री की
नरेन्द्र में विवेकानंद की
रावण में राम की
हर भूल में सुधार की
छुपी होती है संभावना

जवाब में नए सवाल की
सवाल में प्रयास की
प्रयास में प्रयोग की
हर प्रयोग में कुछ भिन्न की
छुपी होती है संभावना

माँ के गर्भ में ही सीखने की
हर चक्रव्यूह को भेदने की
परन्तु इस प्रयास में
कला के आधे ज्ञान में
चक्रव्यूह में फँस जाने की
छुपी होती है संभावना

वाणी में मधुरता की
मधुरता में मित्रता की
मित्रता में सहयोग की
सहयोग में लक्ष्य प्राप्ति की
छुपी होती है संभावना

बहस में विवाद की
आम में ख़ास की
अनेकता में समरसता की
हर किसी में चकित कर देने की
छुपी होती है संभावना

जिज्ञासु में सीखने की
बागो में भंवरों की
शाखों पर कीट की
सिद्धार्थ में बुद्ध की
छुपी होती है संभावना

कौऐ के घोंसले में , कोयल के अण्डों की
होली के डँसे में , वृक्षों के काटने की
हरियाली के घटने में
धरती के बंजर होने की
छुपी होती है संभावना

चन्दन के पेड़ पर सर्प के लिपटने की
मीठे शहद में , मधुमक्खी के डंक की
गुलाब के स्पर्श में
काँटों की चुभन की
छुपी होती है संभावना

पथभ्रष्ट में भ्रष्टाचारी की
भ्रष्टाचार में उन्नति अवरोधक की
कुर्सी के मोहजाल में
देश की क्षति की
छुपी होती है संभावना

दानवीर में कर्ण की
सत्यवादी में युधिष्ठिर की
ब्रह्मचारी में भीष्म की
शिष्य में एकलव्य सी
छुपी होती है संभावना

एकांत में शान्ति की
शान्ति में स्थिर चित्त की
एकाग्रता में लक्ष्य भेदने की
अर्जुन की तरह मछली का नेत्र छेदने की
छुपी होती है संभावना

अपूर्ण में कुछ जुड़ने की
पूर्ण में सम्पूर्ण की
वरदान के बाद भी
होलिका के जलने की
प्रहलाद के सुरक्षित रहने की
छुपी होती है संभावना

इर्ष्या में कुंठा की
कुंठा में अवसाद की
अवसाद में अशांत चित्त की
ऐसे चित्त में प्रगति अवरोधक सी
छुपी होती है संभावना

सूरज से निकली
धूप की तीखी किरणों में
हरी पत्तियों में समाकर
धूप से छाँव में बदल जाने की
छुपी होती है संभावना

आकाश कभी नीला ,
कभी लाल , कभी नारंगी नज़र आता है
कभी काले बादल, कभी सफ़ेद कोहरे से
ढँक जाता है
बेरंग के , हर रंग में रंग जाने की
छुपी होती है संभावना

झरने की व्याकुलता के
नदी में समाकर , शांत हो जाने की
महासागर में मिलकर , थम जाने की
चंचल हृदय में एकाग्रता की
छुपी होती है संभावना

चाशनी में चींटे की
बंद मटर में कीड़े की
लकड़ी में दीमक की
मिट्टी में केंचुए की
हरेक में असीम सी
छुपी होती है संभावना

नदी की लहरों से
चट्टानों के टूटने की
कुँए की मुंडेर पर
रस्सी के निशान की
बार- बार प्रयास से
परिणाम में बदलाव की
छुपी होती है संभावना


-अंकिता

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