तेज़ रफ़्तार जिन्दगी में खुद के लिए समय कहा हे
साधन और साध्य में कुछ फ़र्क तो होता है
लक्ष्य और अरमान इक दूजे से जुदा होता हे
इन छोटे छोटे फर्क पर कुछ विचार जरूरी है
मन की आवाज़ सुनने के लिए कुछ तन्हा पल जरूरी है
हम खुद के बारे में दूसरों की राय जानना चाहते है
कुछ सलाह सुनकर खुद में सुधार लाना चाहते है
बस मन की कंदराओं में झाँकने की दरकार है
सारे जवाबों की लगी यहाँ कतार है
इक कोशिश खुद को खुद से मिलाने की जरूरी है
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