अरे देख वो बुड्ढे बाबा बेच रहे गुड़िया के बाल
अरे नहीं वो तो है तोहफों के संग आते सांता क्लॉज़ |
देख वहाँ बड़ी सी मछली छोटी को खाती
अरे नहीं वो तो जैसे माँ छोटे को सुलाती |
वो देख वहाँ है हाथी खड़ा, लम्बी सूँड उठाये
नहीं वो है बड़ी सी लड़की, छोटी टहनी हिलाये |
है कैसा तू अड़ियल, माने एक बात ना मेरी
छोड़ ना गर हुई देर तो फिर मारेगी अम्मा मेरी |
दोनों बच्चे भूल लड़ाई, उठा के बस्ता भागे
जैसे मुर्गे की बाग पे अम्मा सुबह सबेरे जागे |
अगले दिन वो फिर मिलेंगे , बैठेंगे, खेलेंगे , लड़ेंगे
कल्पनाओ का बस्ता उलट, बादलों में नए चित्र उकेरेंगे |
-अंकिता
मई ४, २०२१