नन्ही चिड़िया
चुनकर तिनके
घांस फूंस से
कटी पतंग की पड़ी डोर से
नन्हा घोंसला बनाती |
चाहे तो चार दाने चावल के डाल दो
नहीं तो मेहनत कर खुद चुन लाती
घोसले से चीं चीं करते, चूजों के लिए दाना लाती,
उन्हें खिलाती
उन्हें सुलाती |
सुबह सुर लगाती
दिन में चहचहाती
सड़क के शोर के बीच
मधुर गीत सुनाती
बच्चों को खिला
उड़ना सिखा
घोंसला छोड़
खुद भी उड़ जाती |
ना अतिक्रमण ना अधिकार जताती,
नन्ही चिड़िया |
- अंकिता
मई २, २०२१
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