वही झरोखा
झीना पर्दा
अँधियारा छा जाता है
कोई घाव कुरेदे जाता है
वही सड़क
कोई मोड़ सुनहरा
दलदल पर रुक जाता है
कोई घाव कुरेदे जाता है
ज़र्रा ज़र्रा ,
पुर्ज़ा पुर्ज़ा
गीत यही बस गाता है
कोई घाव कुरेदे जाता है
वही छैनी
वही हथौड़ा
घाव वही गहराता है
कोई घाव कुरेदे जाता है
-अंकिता
मार्च १० , २०२१